Description
चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से हमारी कुंडली में बुध ग्रह की खराब दशा नकारात्मक प्रभाव को हम चार मुखी रुद्राक्ष धारण करके सकारात्मक प्रभाव अच्छे परिणाम मैं बदल सकते है चार मुखी रुद्राक्ष के अधिपति देव ब्रह्मा जी और देवी सरस्वती को माना गया है। ब्रह्माजी को रचनात्मकता का कारक भी माना जाता है, वहीं सरस्वती मां ज्ञान की देवी मानी जाती हैं। इसलिए चार मुखी रुद्राक्ष छात्रों के लिए बहुत लाभदायक होता है। जिन छात्र-छात्राओं में एकाग्रता की कमी है, उनके लिए यह रुद्राक्ष औषधि का काम करता है साथ ही पढ़ने-लिखने में रुचि बढ़ता है। जो छात्र जिस विषय को पढ़ लेते हैं लेकिन लंबे समय तक उनको याद नहीं रहता है, साथ ही बोलने में अटक जाते हैं। जो किसी भी परीक्षा में सफलता के लिए आवश्यक माना जाता है। इसलिए इस रुद्राक्ष को परीक्षा में कामयाबी दिलाने वाला भी कहा जाता है
चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से छात्रों की एकाग्रता मजबूत होगी तो शिक्षा के क्षेत्र में शुभ फल प्राप्त होंगे। यह न केवल एकाग्रता बल्कि बुद्धि के विकास के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है। इसके साथ इसे धारण करने से वाणी पर भी अनुकूल प्रभाव होता है, बातों में सौम्यता और मधुरता आती है। चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से छात्र बातों से भी लोगों का दिल जीत लेने वाले बन जाते हैं, जो करियर के लिए भी फायदेमंद होता है।
आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर लोगों के लिए भी चार मुखी रुद्राक्ष शुभ होता है। इससे ध्यान प्रबल होता है और व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यभिचारी भी ब्रह्मचारी और नास्तिक भी आस्तिक बन जाते हैं। यह इंद्रियों को जगाता है और जीवन के उद्देश्य के बारे में जागरूक करता है। इस रुद्राक्ष से मानसिक शांति और आरोग्य का सुख भी मिलता है और हमारे यहां आपको ज्योतिष शास्त्र और विद्वान पंडितो द्वारा अभिमंत्रित करके भेजा जाता है जिसमे आपको लैब से प्रमाणित कार्ड मिलेगा जो की भारत वर्ष की सबसे भरोसेमंद और बिस्बसनीय लैब है
Nikhil Agrwal (verified owner) –
Original Rudraksha